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उस्सै जाड़ै इच्चा लंघदे होई
असअपनी गल्ल करदे-करदे‘उं’दी’ गल्ल बुहास्सरी गेहुन जे किश बी आखना होंदा ऐउ’ऐ आखदे न
उस्सै दी बनाई दी बत्ता पर हुनउस्सै दे जाड़ै शा लंघने...
गुरबत दा घेरा
में दिलै र पाई ले छाल्ले नलफ्जें नै बच्चे पाल्ले न।
बच्चें दे ओठें ई सीता ऐमें घुट्ट जैह्र दा पीता ऐउच्छलदे भाव सुआले नमें...
Dogri Language: Challenges & Opportunities
Dogri was included in the 8th Schedule of Indian constitution on the historic day of 22nd December 2003. This was quite a satisfying occasion...
गीत
झुल्लेआ कैसा कैह्र, लोकोझुल्लेआ कैसा कैह्रकु’न्न कमाया बैर, लोकोकु'न्न कमाया बैरएह् करोना डाह्डा मारूब'रदा बनियै जैह्र, लोकोझुल्लेआ कैसा कैह्र
असें घरै इच्च रेहियै सारैंदंद न...
संयोग
यह संयोग ही तो
एक ईज़ाद की मानिंद,
कि चैट-रूम में
बिना किसी रंग,रूप और शिनाखत के
तुम मुझे मिले थे।
और मुझे सोचने पर मजबूर कर गया था
तुम्हारा...
रिश्ता
बादल बरसा
पानी बहा
जल-थल एक हुआ
धरती ने सहा ,
अपने सूरज की अमानत मान
अपने अंदर भरा।
लौटाने की जन्मजात वृत्ति से प्रेरित
सृजन में रत्त
अपने हृदय से लगा...
नशा
डोगरी संस्था उट्ठी खड़ोती नौजवान बचानाटीम जम्मू बी अग्गें आई ऐ, नशा हुन मकानानशा भाएं कोई बी होऐ साढ़ा म्हेशां बैरीबल्लें-बल्लें रंगें दे अंदर...
सुना हां दोस्ता
लिछकदा टोका सुना हां दोस्ता।
राग कोई औखा सुना हां दोस्ता।
मैं मिरी दी मैं गुआची जा कुतै
हादसा ओहका सुना हां दोस्ता।
पक्कियें रफ़लें दा रौला बंद...
मेरा चाँद
डूबते सूरज से नज़र मिलते ही,
इशारा समझते ही ,
विदा होते सूरज की लाली ,
उसकी समझ में आ गई ।
और वह लजाकर ,
छुईमुई सी शर्मा...
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काव्य-रचना
पंज तत्तमचाई अत्त।
मरी मत्तभुल्ली बत्त।
रुड़ेआ सत्तझूठी कत्थ।
भैड़ी लत्तचूसै रत्त ।
मौका हत्थकरानी गत्त।
पुन्न कत्तऔना खत्त।
होनी झत्तलब्भनी छत्त।
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लॉकडॉउन
आपूं-चें बी नेईं कूंदे अजकल्लमेरी कविता दे बोल
इं’दी अक्खीं च साफ-साफ दिक्खनी आंछूह्त दी बमारी दा ख़ौफ़कुअरनटाइन दी तलखीनखसमीं मौत दे मस्स काले छोरेमुहें...
शिकल दपैह्र
शिकल दपैह्ररस्ता सुन्नासुन्न-मसुन्ना।अक्क चढ़े दा दौनें पास्सैंबर्हैंकड़ किश कंडेआरी बीपक्के पैरें आं उस राह्जित्थें नेईं तेरे कन्नै बाह्लेइयै सारा दमखम अपनाउ’ऐ तेज-तरार सुभाऽअग्गैं बधनी...
Reflection [Translated In English by Suman K. Sharma]
Original Dogri poetry is available here
My own mirror perhaps
Finds me a stranger still –
Lost for centuries as I am
In the quest of self.
These my...





![Reflection [Translated In English by Suman K. Sharma]](https://www.dogri.org/wp-content/uploads/2020/05/water-reflection-100x70.jpg)
![Reflection [Translated In English by Suman K. Sharma]](https://www.dogri.org/wp-content/uploads/2020/05/water-reflection-324x160.jpg)









